अब एक “व्यक्ति” अपने बैंक अकाउंट में चार लोगों तक को जोड़ सकता है!

दोस्तों, अगर आपके पास बैंक अकाउंट है, तो ये खबर आपके लिए बेहद ज़रूरी है! क्योंकि अब एक “व्यक्ति” अपने बैंक अकाउंट में चार लोगों तक को जोड़ सकता है! जी हां — अब आप अपने परिवार, बच्चों या भरोसेमंद साथियों को अपने अकाउंट से जोड़ पाएंगे… लेकिन सवाल ये उठता है — ऐसा क्यों किया गया? और इससे आम आदमी को क्या फायदा या नुकसान होगा? दरअसल, भारतीय रिज़र्व बैंक यानी RBI ने बैंकों को अनुमति दी है कि अब एक “जॉइंट अकाउंट” में चार तक सदस्य रखे जा सकते हैं। पहले कई बैंकों में ये सीमा केवल दो या तीन लोगों तक ही थी। अब इस बदलाव के बाद परिवार के सभी प्रमुख सदस्य — जैसे पिता, माता, पति-पत्नी और बच्चे — एक ही अकाउंट से जुड़े रह सकते हैं। सबसे बड़ा फायदा ये है कि अगर अकाउंट होल्डर के साथ किसी आपात स्थिति में कुछ हो जाता है, तो बाकी सदस्य आसानी से पैसा निकाल सकते हैं, बैंकिंग कामकाज चला सकते हैं और कोई झंझट नहीं होगी। लेकिन दोस्तों, याद रखिए — किसी को अकाउंट में जोड़ना मतलब उन्हें उस अकाउंट के पैसों पर पूरा अधिकार देना। यानि अगर चारों में से कोई भी व्यक्ति अकाउंट से रकम निकालना चाहे, तो वो कर सकता है, अगर बैंक में अकाउंट “Either or Survivor” या “Jointly” मोड में खुला हो। इसलिए, जब आप किसी को जोड़ें… तो सोच-समझकर ही जोड़ें! क्योंकि बैंक में “Nominee” और “Joint Holder” दोनों अलग बातें होती हैं। Nominee सिर्फ पैसों का हकदार होता है मालिक की मृत्यु के बाद, लेकिन Joint Holder को जीते-जी पैसे निकालने का भी हक होता है। “फायदे और सावधानियां” इस नए नियम के कई फायदे हैं —फैमिली के लिए आसान बैंकिंगवृद्ध माता-पिता की सुविधाअकाउंट संचालन में पारदर्शिताऔर डिजिटली ट्रांजैक्शन में सुविधालेकिन खतरे भी उतने ही हैं —अगर संबंधों में खटास आई तो धोखाधड़ी का जोखिमपैसे के गलत इस्तेमाल की संभावना तो दोस्तों, अगर आप सोच रहे हैं किसी को अपने बैंक अकाउंट में जोड़ने का, तो पहले बैंक जाकर जानिए अकाउंट की शर्तें, और तय कीजिए कि आपको किस प्रकार का जॉइंट मोड रखना है

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